प्रदेश के ऊपरी छोर पर हो रही बेहतर वर्षा से नर्मदा पर बने बांधों से सतत पानी छोड़ा जा रहा है, राजघाट में बढ़ रहा बैकवाटर

बड़वानी
प्रदेश के ऊपरी छोर पर हो रही बेहतर वर्षा से नर्मदा पर बने बांधों से सतत पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं ओंकारेश्वर बांध से आठ टरबाइन चलाकर 1896 क्यूमेक पानी की निकासी जारी है। इससे नर्मदा के निचले क्षेत्रों में बैकवाटर का लेवल तेजी से बढ़ रहा है। सप्ताहभर के दौरान ही राजघाट में बैकवाटर में करीब 5 मीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई। बैकवाटर बढ़ने से नए घाट पर बनी छत्रियां डूब गई है। मंगलवार को राजघाट में बैकवाटर का लेवल 125.50 मीटर तक रहा। बैकवाटर का खतरे का निशान 123.20 मीटर अब नीचे रह गया है।

वहीं पुराना पुल अब डूब से महज डेढ़ मीटर बचा है। बैकवाटर बढ़ने के चलते बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच रहे है। वहीं पुराने पुल के किनारों पर बैठकर व खड़े होकर लोग सेल्फी लेने से नहीं चूक रहे है। एक दिन पूर्व ही कलेक्टर ने टीएल बैठक के दौरान संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिन सड़कों के पुल-पुलियाओं या रपटों पर बाढ़ का पानी आता है, उसे चिह्नित कर सुरक्षा के लिए कर्मी की ड्यूटी लगाए।

साथ ही नर्मदा किनारे स्नान करने की जगहों पर तैराकों की व्यवस्था की जाए। इधर धूप खिलने से सड़कों का कीचड़ सूखाबीते सप्ताहभर से जारी वर्षा का दौर पिछले 48 घंटे में कमजोर पड़ा है। हालांकि रूक रूककर कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो रही है। शहर में मंगलवार दिनभर मौसम साफ रहने से तेज धूप खिली। इससे सड़कों पर जमा कीचड़ सूखने लगा। वहीं मौसम शुष्क होते ही वातावरण में उमस-गर्मी फिर महसूस होने लगी है।

बीते 24 घंटे में बारिश का हाल
भू अभिलेख कार्यालय के अनुसार, बीते 24 घंटे में जिले में औसत रूप से मात्र 0.1 मिमी वर्षा हुई। इस दौरान निवाली में 12.6, पानसेमल में 9.4, वरला में 2, सेंधवा, चाचरिया, बड़वानी में 1-1 मिमी पानी बरसा। इस वर्ष 1 जून से लेकर अब तक जिले में औसत वर्षा का आंकड़ा 448.2 मिमी पहुंच गया है। बीते वर्ष इस दौरान 341 मिमी ही पानी बरसा था। जिले में औसत रुप से 746.3 मिमी वर्षा होती है।
 

इंदिरा सागर बांध में पानी की आवक घटी, नहीं खुलेंगे गेट

प्रदेश में झमाझम वर्षा का दौर थमने से इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोलने की प्रक्रिया फिलहाल टल गई है। बांध प्रबंधन दाेनों बांध के पावर हाउस की सभी टरबाइन चला कर पूरी क्षमता से विद्युत का उत्पादन कर बांध का जलस्तर नियंत्रित करने का प्रयास कर रहा है। इससे नर्मदा के डाउन स्ट्रीम में जलस्तर बढ़ने से साथ ही नर्मदा का प्रवाह बढ़ गया है। इस वर्षाकाल में मंगलवार दोपहर इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोलने की चेतावनी बांध प्रबंधन ने जारी की थी। यह निर्णय बांध के ऊपरी क्षेत्र से आ रहे पानी की मात्रा को देखते हुए लिया गया था। कल शाम तक हांड़िया की ओर से इंदिरा सागर बांध के जलाशय में 10 हजार क्यूमेक्स की आवक हो रही थी, जो मंगलवार दोपहर कम होकर 9000 क्यूमेक्स के लगभग रह गई है।

वहीं नर्मदा घाटी के ऊपरी क्षेत्र में तेज वर्षा का दौर थमने से बरगी और तवा बांध से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा भी कम हो गई है। इंदिरा सागर बांध का जलस्तर 259.14 मीटर के आसपास है। बांध की कुल जलभराव क्षमता 262.13 मीटर है, जबकि अगस्त माह में बांध का जलस्तर 260 मीटर रखने का प्रावधान है। इस जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए एनएचडीसी प्रबंधन द्वारा सभी टरबाइन चला कर लगभग एक हजार मेगावाट बिजली पूरी क्षमता से बनाई जा रही है।

पावर हाउस की आठ टरबाइन चलने से नर्मदा नदी में 1840 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। इंदिरा सागर बांध से आ रहे पानी से ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर नियंत्रित करने के लिए यहां भी फिलहाल गेट खोलने की बिजली उत्पादन को प्राथमिक देकर जलस्तर नियंत्रित किया जा रहा है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button